ज़िन्दगी किश्तों में#1
..एक साल हार कर तुम घर छोड़कर चले गये। पर शहर बदल जाने से बेतरतीबगी नही जाती।
नया शहर, किराये का कमरा।
कई दिनों तक तुमने इस किराये के कमरे में घर निभाने की कोशिश की।
पर तुमने वही पाया जो हमेशा पाया। हार। और फिर तुमने एक दोस्त बनाया।
जारी..
[जिन्दगी किश्तों में]
चिराग़ शर्मा
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