नकली प्यार करते करते
मैं असली शायर बनता जा रहा हूँ।
कोई भी लड़की या तो तुम्हें कविता लिखने की वजह देती है
या फिर कविता पढ़ने की।
आदमी को दोनो के लिए ही कृतज्ञ होना चाहिए।
मैंने चाहा शराबी कवि बनना,
नियति ने सिर्फ शराबी बनाया।
जीवन ने असमय प्रेम तो दिया
पर समय रहते प्रेमिका नही दी।
मैं असली शायर बनता जा रहा हूँ।
कोई भी लड़की या तो तुम्हें कविता लिखने की वजह देती है
या फिर कविता पढ़ने की।
आदमी को दोनो के लिए ही कृतज्ञ होना चाहिए।
मैंने चाहा शराबी कवि बनना,
नियति ने सिर्फ शराबी बनाया।
जीवन ने असमय प्रेम तो दिया
पर समय रहते प्रेमिका नही दी।
------चिराग़ शर्मा
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