नजरों में शर्म नहीं तुम
आँखों में गुबार रखना
डरना नहीं , सहमना नही
हिम्मत का संग हथियार रखना ।
जो रोके कोई, तो रूकना नहीं
जो टोके कोई तो थमना नहीं
अब कोमल नहीं कठोर बनो तुम ।
बहुत सह लिया है तुमने
उठ कर नया इतिहास रचो तुम ।
तुम्हें नाम ना दे कोई निर्भया ,
ना कहलाओ तुम कभी दामिनी ।
दुष्टों का अंत करो तुम
वार पर पलटवार करना सीख लो तुम
अब ना कोई अत्याचार सहो तुम
दुर्गा बनो तुम, दुर्गा बनो तुम
------ मुक्ता भावसार
आँखों में गुबार रखना
डरना नहीं , सहमना नही
हिम्मत का संग हथियार रखना ।
जो रोके कोई, तो रूकना नहीं
जो टोके कोई तो थमना नहीं
अब कोमल नहीं कठोर बनो तुम ।
बहुत सह लिया है तुमने
उठ कर नया इतिहास रचो तुम ।
तुम्हें नाम ना दे कोई निर्भया ,
ना कहलाओ तुम कभी दामिनी ।
दुष्टों का अंत करो तुम
वार पर पलटवार करना सीख लो तुम
अब ना कोई अत्याचार सहो तुम
दुर्गा बनो तुम, दुर्गा बनो तुम
------ मुक्ता भावसार
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