Friday, 22 July 2016

छपाईखाना

                           छपाईखाना [16-जनवरी-2014]


[ब्रजेश]
पेन दो यार तुम ज़रा... ये क्या मज़ाक करा दिया है कार्ड का..
[जैन साब]
एक पेन से तो ये लिख रहें हैं मालिक.. दूसरे अपना अटॅच है.. हा हा हा .. अंदर फ्रिज से
[ब्रजेश]
अबे तुम मज़ाक मत दो यार... ज़रा सीरियस्ली  काम किया करो..
[जैन साब]
भाईसाब 4 बातें नहीं करूँगा कस्टमर से.. तो ग्राहकी थोड़ी कर पाऊँगा बाज़ार में
अब इन भाईसाब से पूछलो कब से आ रहे हैं हमारे पास
[कस्टमर ]
1 साल से..
[ब्रजेश]
अरे तो इनके होंगें  ऐसे शौक.. हमारे नहीं हैं..
[जैन साब]
अरे बेटा इनकी प्रूफ रीडिंग कर दे नीचे निकल लो सर आप
[ब्रजेश]
क्या?
[जैन साब]
लड़का बैठा है सर अपना नीचेवो देखो
[ब्रजेश]
प्रूफ रीडिंग?..  शादी के कार्ड में
[जैन साब]
सर आपके पेपर से ज्यादा खतरनाक काम है शादी का कार्ड छापना..एक मात्रा हटी-दुर्घटना घटी
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[नीचे गोदाम का द्रिश्य]
[ब्रजेश]
ये यार वधू आगमन तुमने 8 जन्वरी का कर रखा है.. और बारात प्रस्थान 10 जन्वरी का.. ये कर क्या रहे हो यार
[नाइस]
देखो सर ऐसा है.. इससे बोलते हैं प्रूफ रीडिंग.. आप बस बताओ.. और इधर कमाल देखो.. जो नाम करना है, जो तारीख़ करनी है
वो करदेंगे कहो तो वधू का नाम कटरीना कर दें
(सब हँसने लगते हैं)
[ब्रजेश]
नाम सही करदो ये.. बिरजेश नहीं ब्रजेश-ब्र-जेश और यहाँ लिखो चाचा जी के नाम के आगे सूबेदार
और ये ब्रजेश के आगे ब्रैकेट में लिखो सॉफ्टवेर इंजीनियर.. सॉफ्टव्वियर नाहीं.. सॉफ्टवेर
[नाइस]
आपकी शादी है सर..
[ब्रजेश]
हाँ
[नाइस]
कितने पैसे खतम हो जाते होंगें  इंजिनयर बनने में?
[ब्रजेश]
लग जाते हैं कॉलेज के हिसाब से
[संजय]
अबे तू भी तो इंजीनियर है.. जिसको जो काम आता है वो उसका इंजीनियर... क्यूँ  मार्केटिंग  मॅनेजर.. ”
[कार्ड गिन रहा आदमी/मार्केटिंग मॅनेजर]

मतलब ये सामने मिठाई वाला मिठाई इंजीनियर.. तू छपाई मशीन इंजीनियर.. सालो काम करो जल्दी.. अभी वो अंग्रजी शादी के
कार्ड वाला तुम्हारा बाप आ रहा है..
[संजय]
ये साला नौकरी ही खराब है...  इससे अच्छा तो साला रंडी है..  मजा भी लो, पैसे भी कमाओ..
[कार्ड गिन रहा आदमी/मार्केटिंग मॅनेजर]
काम करो बे
[संजय]
ऊपर जाऊँगा तो बोलूँगा के अगले जनम में साला रंडी बनाओ..  प्रोफेशनल रंडी
[नाइस]
जैन साब... ये भाई का काम करके थोड़ा जल्दी निकलूँगा..  आज ईद है तो..
[जैन साब]
चला जइयो..
[संजय]
अरे हमारी भी तो मकर संक्रांति है...  हम भी जाएंगे जल्दी
[जैन साब]
आबे उसकी बीवी पेट से है..शादी का सीज़न है..तू काम कार ज़राऔर वो सामने वाली लड़की से क्या चल रहा है बे
तेरा..बताऊँ क्या घर पे
[संजय]
अरे वो तो बस.. चूतिया (विस्परिंग)
[ब्रजेश]
ये ऊपर क्या खज़ाना खोद रहें हैं?  इतनी तेज़ आवाज़ ... पूरी बिल्डिंग बज रही है
[कार्ड गिन रहा आदमी/मार्केटिंग मॅनेजर]
उपर जमीन बदल रहे हैं..एक-एक टाइल डेड-डेड सौ रुपये की है..
[नाइस]
देखो सर ये ठीक है..एक बार चेक कर लो ..फिर फाइनल प्रिंट दे दें
[ब्रजेश]
ये ठीक है...ब्रजेश..कमल..जय सिंघ..पूनम.... शाकालाका बूम बूम ,शादी में खूब मचाएंगे धूम... ये हटाओ यार, ये अच्छा थोडी लगता है..
[नाइस]
अरे बढ़िया है सर ये..आज कल सब छपवाते हैं..अपने जैन साहब ही लिखते  हैं
[ब्रजेश]
हटा दे यार इसे..
[दबंग सा आदमी]
" अबे जैन , वो कार्ड छापे आज के नहीं , और अगर नहीं छपे तो बुला अपने लौंडे को,  कल बड़ा बोल रहा था, ले जाना शाम को,
बुला साले को "
[जैन साब]
" अरे क्या सर, जवान लौंडा है, गलती हो गयी, में भिजवाता हूँ ना सुबह कार्ड.... "
[दबंग सा आदमी]
" बुला बे उसे बैंचो "
[संजय]
" गाली मत दो  "
[दबंग सा आदमी]
" तेरी माँ.... "
[संजय वापस नीचे गोदाम में दाख़िल होता हुआ]
[नाइस]
" ये तेरी आँख कैसे काली हो गयी? "
[संजय]
" अंग्रजी के कार्ड से... "
[नाइस]
" हा हा हा.. .  पता है तू  क्या  लग रहा है "
[संजय]
" क्या? "
[नाइस]
" प्रोफेशनल रंडी "



                      ------ प्रवेश

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