सब कुछ ठीक हो जायेगा !
उसने कहा सब कुछ ठीक हो
जायेगा और उठ कर चली गई , मैं काफी देर तक वहीं बैठा रहा ,
सब कुछ ठीक हो जायेगा !
कितना आसान और सरल लगता है ना ये ,
पर क्या ठीक होगा , और कैसे होगा ,
कौन करता है सब ठीक , क्या सब ठीक करने के पैसे भी लगते हैं , अगर लगते
होंगे तो जो सब ठीक करता है वो बहुत पैसे वाला होगा ।
स्टेशन के बहार जो बड़े बाल
वाला आदमी बैठता है कुछ अंगूठियां और ताबीजें ज़मीन पर फैलाये लोग कहते है उस् की
ताबीज़ों से सब ठीक हो जाता है , पर वो आदमी तो पैसे वाला नहीं लगता
नहीं तो वो अपने लिए नया कपड़ा ले लेता ताबीजें बिछाने के लिए ।
मैं जब भी वहाँ से गुज़रता हूँ
उस् आदमी को लोगों से घिरा पाता हूँ , कोई कुछ खरीदता
नहीं है बस उस के आस पास खड़े रहते है , मैं कई बार सोचता हूँ
के कोई ये ताबीज़ खरीदता क्यों नहीं , आखिर कोई अपनी ज़िन्दगी में
सब कुछ ठीक करना क्यों नहीं चाहेगा !
मैं क्यूँ नहीं लेता ताबीज , क्योंकि मुझे ख़ुद नहीं पता के मुझे क्या ठीक करवाना है ।
मैंने बहुत पहले कहीं पढ़ा था
,
या शायद सुना होगा मुझे ठीक से याद नहीं के , जिन लोगों की ज़िन्दगी में परेशानियाँ नहीं
होती वो परेशानियां बनाने लगते है |
--------- ब्लॉग मालिक
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