Thursday, 2 March 2017

' तो ' - चिराग़

दिल की दिल में रह गई तो,
अगर बात न कह गई तो?

कह कर भी न समझ पाई तो,
शर्म नहीं, उबकाई तो?

मेरे साथ जो चलती गई,
वो न हुई, परछाई तो?

वो आके पहलू में बैठ गई,
ये झूठ न हो, सच्चाई तो?

रात तो संग में बीत गई,
जिंदगी बीत न पाई तो?

             -----चिराग़ शर्मा 

Wednesday, 1 March 2017

हंगामा है क्यों बरपा - मुक्ता

देशद्रोह का जो रोना रो रहे हैं
क्या वो सच्चे देश भक्त हैं ?
खुलेआम दी जा रही रेप की धमकी 
कहते है मेरे देश का कानून बहुत सख्त है !

लेफ्ट और राईट में उलझी है देश की राजनीति 
हर बात पर सब देते है प्रतिक्रया बड़ी तीखी 
बयानबाजी से अगर बदल जाती देश की स्थिति
तो इतनी धीमी नहीं होती विकास की गति ,
सुनते-सुनते थक गयी है देश की जनता

सिर्फ वार-पलटवार करने से देश नहीं चलता 
वैसे तो है मिली हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता 
फिर मन की बात कहने पर 
हंगामा है ये क्यों बरपा !

      
                    -----मुक्ता भावसार